Monika garg

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लेखनी कहानी -21-Jun-2022 #बदलते रिश्तों की तस्वीर #अपने तो अपने होते है

मन्नू की विदाई हो रही थी सुबह के चार बजे थे । मन्नू की मां यही सोच रही थी कि जल्दी से मन्नू की विदाई हो जाए अगर नन्हा आशू उठ गया तो कोहराम कर देगा।आशू मन्नू का भतीजा था जब से पैदा हुआ था अपनी बुआ के साथ ही रहता था क्योंकि भगवान ने भाभी की दूसरी बार गोद जल्द ही भर दी थी अभी आशू डेढ़ महीने का ही था कि भाभी फिर से मां बनने वाली थी।अब जिम्मेदारी सारी मन्नू पर ही आ गयी थी भतीजे को सम्हालने की ।रात को उठ उठ कर दूध की बोतल देना ,रात को अगर जग जाता तो जब तक आशू ना सोता तब तक मन्नू की आंखों मे नींद नही होती थी। बड़े जतन से मन्नू और मां ने भतीजे को पालकर बड़ा किया।आज मन्नू की शादी थी शादी मे पांच साल का आशू ये सोचकर घुम रहा था कि शायद मेला लगा है बढ़िया बढ़िया पकवान और सबसे ज्यादा तो इस बात से खुश था कि उसकी बुआ आज बहुत सुंदर लग रही थी ।दस बार तो आकर देख गया था अपनी बुआ को। लेकिन बच्चा था जैसे जैसे फेरों का समय हुआ नन्हे आशू की आंखों मे नींद ने डेरा जमा लिया था।अब विदाई हो रही थी जिस बुआ के बिना वो एक मिनट नही रहता था आज अगर उसे ये पता चलता कि वो उसे छोड़कर ससुराल जा रही है तो रो रो कर हलकान हो जाता।उधर मन्नू को भी आशू की चिंता सता रही थी।पता नही मेरे बगैर खाना खायेगा भी या नही।इसी उहापोह मे मन्नू ससुराल विदा हो गयी। वहां पर रस्में निभाते हुए भी उसको यही लग रहा था कि अब आया फोन मां का कि आशू रो रहा है।वही बात बनी सारी रस्में निभा कर मन्नू बैठी ही थी कि तभी मां का फोन आ गया ,"बेटा मन्नू एक बार आशू से बात कर ले ये अभी उठा है सोकर सारे घर मे तुम्हें ढूंढता फिर रहा है ।मेरी बुआ कहां गयी ।मेरी बुआ कहां गयी । मैंने कह दिया ससुराल चली गयी बुआ तो कह रहा है मुझे भी ससुराल भेज दो मै भी बुआ की ससुराल जाऊंगा।बेटा एक बार बात कर ले उससे।"
मन्नू को इतना सुनना था कि वह फफक पड़ी और फोन आशू को देने के लिए बोला,"बेटा मै बोल रही हूं बुआ।
आशू लगातार सुबक रहा था,"आप कहां चली गयी। मुझे छोड़कर।"
मन्नू ने भारी मनसे फुसफुसाते हुए कहा,"बेटा बुआ की शादी हो गयी है वो ससुराल मे है। अच्छे बच्चे रोते नही है।चुप हो जा।"
आशू सुबकते हुए बोला ,"बुआ मुझे आपकी ससुराल की गली मे ही शादी कर दो मै वही से आप को देखता रहूंगा।"
नन्हे आशू की बात सुनकर मन्नू का मन जोर जोर से रोने का करने लगा अब वो उस नादान को कैसे समझाए कि लड़कियों के भाग मे अपना घर छोड़कर दूसरे घर जाना लिखा होता है ।वह जोर से सुबकने लगी तो मन्नू की सास पीछे खड़ी थी उसने मन्नू के हाथ से फोन लेकर उसकी मां को कह दिया ,"देखो जी आप समभालो अपने पोते को हमारी बहू को क्यों रूला रहे हो।"
माना मन्नू की सास ने ये मजाक मे कहा लेकिन मन्नू को पता था आशू जब उसे एक बार अपनी आंखों से जाता नही देखे गा तो मानेगा ही नही।अगले दिन पग फेरे की रस्म थी। मन्नू , मन्नू के पति और ननद तीनों साथ थे।जब वो तीनो गाड़ी से नीचे उतरे तो आशू उन्हे ताकता रहा कि मेरी बुआ के साथ ये दोनों कौन है। मन्नू ने भाग कर उसे गले लगाया।आशू को बुआ कुछ बदली बदली लगी।पहले सलवार सूट पहनती थी अब साड़ी पहने हुए थी । नन्हा बाल मन कभी तो मानता ये मेरी वही बुआ है लेकिन जब मन्नू पति से और ननद से बात करती तो सोचता बुआ बदल गयी है।जब विदाई का समय आया तो मन्नू को हैरानी हुई जो एक दिन पहले इतना रो रहा था वो उसे जाते हुए भी नही देख रहा था।शायद वो समझ गया था कि बुआ अब अपनी नही रही।
दिन बीतते गये मन्नू भी जो सपने लेकर ससुराल गयी थी वो धरे के धरे रह गये ।जो सोचा था सब उससे उल्टा मिला मन्नू को ।पति धोखेबाज निकला ,सास कलह करने वाली थी।सारा दिन लड़ाई झगड़ा रहता था घर मे इस बीच मन्नू एक बेटे की मां बन गयी।तभी घर मे भयंकर क्लेश हुआ । मन्नू बेटे को लेकर मायके आ गयी।आशू को जो बुआ जान से प्यारी थी उसका यू आना अच्छा नही लगा।एक दिन आशू छत पर पतंग उडा रहा था तभी मन्नू का बेटा भी जिद करने लगा कि मै भी पतंग उडाऊगा।अकेला पा कर आशू ने मन्नू के बेटे को धकेल दिया और बोला ,"जा नही खिलाता तुझे अपने साथ।"वो रोता रोता नीचे आया तो मन्नू ने आशू से कहा,"बेटा इसे अपने साथ खिला लो ।नही तो बुआ नही बनूंगी।"तभी आशू तपाक से बोला,"किसने कहां है बनो मत बनो।"
मन्नू हैरान रह गयी ।ये वही आशू है जो अगर वो कालेज से लेट हो जाती थी तब तक खाना नही खाता था कि बुआ आयेगी तभी खाऊंगा।आज वो कह रहा था कि मत बनो बुआ।
मन्नू का दिल टूट गया वो मन ही मन बहुत रोई । फिर सोचा हो सकता है आशू को ये लगता हो कि बुआ मुझे जानबूझ कर छोड़ गयी थी शादी मे।शायद वो इसी बात का बदला ले रहा हो।
मन्नू के मायके वालों ने बीच मे पड़ कर समझौता करवा दिया और मन्नू ससुराल चली गयी। फिर ससुराल वालों ने सात साल उसे मायके नही जाने दिया मन्नू का तो दिल भटकता था मायके के लिए लेकिन शायद आशू भूल गया था कि मन्नू नाम की मेरी कोई बुआ भी है। मन्नू का भी धीरे धीरे दिल खट्टा होने लगा था। एक दिन फिर से ससुराल मे कोई झमेला हो गया पति की किसी से लड़ाई झगड़ा हो गया किसी से। बड़ा कोई था नही तो मन्नू के भाई ने आकर सब पुलिस रिपोर्ट वगैरह की।जिससे उसका दोबारा मायके आना जाना हो गया।इस दौरान आशू बड़ा हो गया था ।वह लगभग भूल चुका था अपनी मन्नू बुआ को।जब वह मायके गयी तो वह बोला ,"मम्मी ये कौन आयी है हमारे घर?"
मन्नू का कलेजा कट कर रह गया। मन्नू की भाभी ने झेंपते हुए कहा,"और कौन है तुम्हारी मन्नू बुआ है।" वो अपनापन खत्म हो चुका था ये मन्नू ने महसूस किया था । मन्नू दो चार दिन मायके लगाकर ससुराल आ गयी ।उसका मन मायके के प्रति बिल्कुल खट्टा हो गया था वो ये सोच रही थी कि माना मेरे ऊपर पाबंदी थी मायके आने की लेकिन इन लोगो पर तो नही थी ।ये तो मुझे बच्चों की यादों मे जिंदा रख सकते थे। वह यही सोचती रही ।बस ये सब याद करती और रोती रहती।
एक दिन वो अपने बेटे को लेने स्कूल जा रही थी कि तभी उसको एक गाड़ी वाले ने टक्कर मार दी । मन्नू का बहुत खून बह गया था । ब्लड बैंक मे पता करा तो जो मन्नू का ब्लड ग्रुप था वो रेयर था वो मिल ही नही रहा था । मन्नू के मायकेवालों को पता चला तो वो दौड़े दौडे आये ।जब पता चला कि खून की व्यवस्था कही भी नही हो रही है ।तब आशू दौड़ कर अपने पापा के पास गया और बोला,"पापाजी।मेरा और बुआ का खून मेच कर गया है मै अभी चैक करवा कर आया हूं मेरा खून मेरी मन्नू बुआ को चढ़ा दो।
आशू को तुरंत ओप्रेशन थियेटर ले जाया गया और जितनी जरूरत थी।उतना खून आशू से लेकर मन्नू को चढ़ा दिया गया।अब वह खतरे से बाहर थी ।जब वह होश मे आयी तो उसके पति ने बताया कि किस तरह तुम्हारा भतीजा एक फरिश्ता बन कर हमारी जिंदगी मे आया और तुम्हें बचा लिया। मन्नू की आंखों से आंसू झरने लगे वह कितना गलत समझ बैठी थी अपने अपने ही होते है।माना समय की धूल उनकी छवि धुंधली कर देती है पर जब अपनेपन की बारिश होती है तो अपने ही रिश्ते मुखर हो कर सामने आते है। मन्नू की आंखे आशू को चारों तरफ ढूंढ रही थी वो सामने दरवाजे पर खड़ा अपनी मन्नू बुआ को देख रहा था। मन्नू ने भी अपने नन्हे फ़रिश्ते के लिए बांहे फैला दी।वह दौड़ कर अपनी बुआ के आंचल मे समा गया।

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8 Comments

shweta soni

25-Jul-2022 08:35 PM

Bahot khub 👌

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Shnaya

28-Jun-2022 10:11 PM

बहुत खूब

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Renu

24-Jun-2022 04:24 PM

बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति मैम 👍👍

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